मोहनदास करमचंद गाँधी महात्मा गाँधी बने हमारे लिए उनके प्रेम के कारण से। मोहनदास करमचंद गाँधी महात्मा गाँधी बने हमारे लिए उनके प्रेम के कारण से।
तुम सबका जीवन सार्थक हो जाएगा और संसार में कहीं भी अपराध नहीं होंंगे। तुम सबका जीवन सार्थक हो जाएगा और संसार में कहीं भी अपराध नहीं होंंगे।
“राजन मैं सत्य हूँ और तुझे तेरे कार्यों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूँ “राजन मैं सत्य हूँ और तुझे तेरे कार्यों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूँ
बात हाथापाई पर पहूच गयी बात हाथापाई पर पहूच गयी
श्रीमती जी का यह प्रश्न हरिचरण को वास्तविक दुनिया में खींच लाता है और वे सोचने पर मजबूर श्रीमती जी का यह प्रश्न हरिचरण को वास्तविक दुनिया में खींच लाता है और वे सोचने प...
लेखक : राजगुरू द. आदरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आदरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास